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एनजीटी के रोक के बाबजूद सिमलौंग थाना के गुमानी नदी में नहीं रुक रहीं हैं अवैध बालू का करोबार?

 एनजीटी के रोक के बाबजूद सिमलौंग थाना के गुमानी नदी में नहीं रुक रहीं हैं अवैध बालू का करोबार?


तीन माफियाओं का तिकड़ी जोड़ी चला रहा ये अवैध धंधा?


एसबीएन|संवाददाता✍🏼

पाकुड़ जिले के साथ पूरे राज्य में 10 जून से लेकर 15 अक्टूबर तक एनजीटी लगी हुई है, लेकीन एनजीटी के रोक के बाबजूद लिट्टीपाड़ा अंचल के सिमलौंग थाना क्षेत्र के गुमानी नदी से बालू निकालने का खेल जारी हैं, बता दें कि इसपर कई विभिन्न समाचार एजेंसी ने समय- समय पर खबर भी प्रकाशित करती रहीं हैं बाबजूद सिमलौंग थाना के गुमानी नदी में चल रहें यह अवैध धंधा थमने की नाम नहीं ले रहीं हैं? 10 जून से पूरे राज्य भर में एनजीटी लगने के बाद भी इस नदी से अवैध तरीके से लगातार बालू उठती रहीं हैं लेकिन यहां प्रशासन की ओर से अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही देखने को नहीं मिली हैं?


इसी तरह एनजीटी लगने के शुरुआत से ही ये अवैध खेल जारी हैं। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रोज रात के 10 बजते ही 40 से 50 की संख्या में ट्रक और हयवा, सिमलौंग के गुमानी नदी के बगल में बालू के डीपूओ के पास लेजाकर जेसीबी की मदद से सभी गाड़ियों में बालू लोड कर उसमें तिरपाल से पुरी तरह ढक कर सिमलौंग के धरमपुर के रास्ते साहिबगंज तरफ़ लेजाकर उसे मनचाहा मूल्यों पर बेचकर रोजाना लाखों रुपए की अवैध कमाई कर रहें हैं?

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन बालू माफिया मिलाकर इस अवैध कारोबार को चला रहें हैं और यह तीनों बालू माफिया( झ०, प०, र०) सिमलौंग के नजदीक धमनी बाजार के हैं। इस अवैध धंधा में कोई विशेष व्यक्ति एक ट्रक/हायवा से 8हजार के दर से पैसा उठाते हैं और यहां रोजाना 40 से 50 गाड़ीया अवैध तरीके से बालू लोड होकर क्षेत्र से निकलती हैं तो आप समझ सकते हैं कि विशेष व्यक्ति के पास पैसा ये अवैध पैसा दीन का कितना जाता होगा? और गुप्त सूचना के मुताबिक ये पैसा विशेष व्यक्ति जिला तक भी पहुंचाती हैं? इसीलिए एनजीटी के रोक बावजूद ये तीनों बालू माफिया बड़ी आराम से ये अवैध बालू का धंधा मग्न होकर चला रहें हैं। और इन तीनों बालू माफियाओं को पुरी तरह से राजनेतिक संग्रक्षण भी प्राप्त हैं इसीलिए प्रशासन की ओर से भी कोई विशेष कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है।

मानसून सत्र में नदियों के हित में एनजीटी द्वारा लगाया गया रोक धरातल पर पालन होते नहीं दिख रही है। इस तरह से ऐसे अवैध कार्यों के कारण नदियों की अस्तित्व भी खतरे में है।

क्या कहते हैं सिमलौंग ओपी थाना प्रभारी?👇🏼

मेरा इस थाना में आए हुवे बहुत कम समय हुआ हैं! हों सकता हैं इस थाना क्षेत्र में ऐसी चीजें हों रहीं हों?, लेकिन मेरा पहल रहेगा कि मैं ऐसी कार्यों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दूं और मैं इसपर कड़ी कार्रवाई के लिए खुद क्षेत्र में बहुत ज्यादा नजर रख रहा हुं।

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