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वसंत पंचमी की महत्व| क्यों मनाया जाता है सरस्वती पूजा

 वसंत पंचमी की महत्व| क्यों मनाया जाता है सरस्वती पूजा।

लेखक:- धनंजय साहा(एक राष्ट्रवादी पत्रकार)🖋️

वसंत पंचमी शिक्षा, साक्षरता, विद्या और विनय का पर्व है। वैसे तो सनातन धर्म के वेद आदि शास्त्रों के अनुसार सृष्टि को बने 1 अरब, 96 करोड़, 8लाख, 53 हजार,125 वर्ष हों चूकें हैं। और सृष्टि के रचनाकार ब्रह्म देव, पालनहार विष्णु देव, और संघारक देव-आदि-देव महादेव है। लेकिन जब ब्रह्मदेव इस सृष्टि की रचना किए थे, तो उन सभी पदार्थ में कला यानी वसंत की कमी थी। इसीलिए ब्रह्मदेव अपने कमंडल से जल लेकर आदिशक्ति को स्मरण कर एक एक कला, ज्ञान, और तेज से परिपूर्ण देवी की निर्माण किए। और यहीं से होती है मां सरस्वती का जन्म। मां सरस्वती इस ब्रह्मांड के लिए एक कलाकारनी हैं। अगर वह स्थिर हों जाएगी, तो पुरी सृष्टि शून्य सी हो सकती है। इस सृष्टि में सूरज तो होगा, लेकिन प्रकाश नहीं? 

साहित्यसंगीतकलाविहीनः साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः ।

अर्थ – जो मनुष्य साहित्य, संगीत, कला, से वंचित होता है वह बिना पूंछ तथा बिना सींगों वाले साक्षात् पशु के समान है । 

इसीलिए हम अपने जीवन को इस पशुता से ऊपर उठकर विद्या- संपन्न, गुण-संपन्न, गुनवान बनाएं, वसंत पंचमी इसी की प्रेरणा का त्यौहार है।

मां सरस्वती की पूजा प्रारंभ से ही होती आ रहीं है, ज्ञान की देवी विद्यादायिनी की पुण्यतिथि के बाद परंपरागत तरीके से वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी की चित्र से उनकी पूजा अर्चना कर मनुष्य जाति मां सरस्वती से आशीर्वाद लेते हैं। इस ऐतिहासिक परंपरा को राजाओं ने परंपरागत तरीके से वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते- करते अपनी कृतज्ञता को बखूबी निभाई हैं। अब वर्तमान समय के लोग परंपरागत अनुसार वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी की पूजा अर्चना करते हैं।

सरस्वती पूजा मध्य भारत, उत्तर भारत, नेपाल जैसे आदि हिंदूवादी देश में धूमधाम से मनाया जाता है। 

वसन्त पञ्चमी के समय सरसो के पीले-पीले फूलों से आच्छादित धरती की छटा देखते ही बनती है।वसंत पंचमी के दिन ही वसंत ऋतु की शुरुआत हुई थी। इस समय में प्रकृति का रंग बिल्कुल अद्भुत होता है पीले फूल वाले पौधों में चमकदार रंग होती है। 

माँ सरस्वती की आराधना क्यों करनी चाहिए?

माँ सरस्वती ज्ञान, कला, संगीत, और बुद्धि की देवी हैं। उनकी आराधना करने के कई फायदे हैं।

ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि: माँ सरस्वती को ज्ञान और बुद्धि की देवी माना जाता है। उनकी आराधना करने से ज्ञान और बुद्धि में वृद्धि होती है।

सफलता: माँ सरस्वती की आराधना करने से शिक्षा और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

रचनात्मकता: माँ सरस्वती कला और संगीत की देवी भी हैं। उनकी आराधना करने से रचनात्मकता में वृद्धि होती है।

एकाग्रता: माँ सरस्वती की आराधना करने से एकाग्रता में वृद्धि होती है, जिससे अध्ययन और कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

आत्मविश्वास: माँ सरस्वती की आराधना करने से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

नकारात्मकता दूर: माँ सरस्वती की आराधना करने से नकारात्मक विचारों और भावनाओं से मुक्ति मिलती है।

मन की शांति: माँ सरस्वती की आराधना करने से मन को शांति और प्रसन्नता प्राप्त होती है।

भक्ति भाव: माँ सरस्वती की आराधना करने से भक्ति भाव में वृद्धि होती है।

आशीर्वाद: माँ सरस्वती की आराधना करने से माँ सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

विशेष दिन: वसंत पंचमी माँ सरस्वती का जन्मदिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से माँ सरस्वती की आराधना की जाती है।

कौन कर सकता है, माँ सरस्वती की आराधना? कोई भी कर सकता है, चाहे वह छात्र हो, शिक्षक हो, कलाकार हो, या कोई भी अन्य व्यक्ति।

आराधना विधि: माँ सरस्वती की आराधना करने के लिए कई विधियाँ हैं। आप अपनी सुविधानुसार कोई भी विधि अपना सकते हैं।

पूजा सामग्री: माँ सरस्वती की पूजा करने के लिए आपको कुछ पूजा सामग्री की आवश्यकता होगी।

माँ सरस्वती की आराधना करने से आपको ज्ञान, बुद्धि, और सफलता प्राप्त होगी।

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