दारू हड़िया छोड़, PVTG महिलाएं चुनी बकरी पालन का कार्य।
JSLPS के मदद से बन गई आत्मनिर्भर।
रिपोर्टर: धनंजय साहा(पत्रकार)🖋️
पाकुड़: लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड क्षेत्र अंतर्गत बांडू पंचायत के हजारपुरा गांव की मेसी पहाड़ीन में बदलाव देखकर बहुत कुछ सीख दिलाती है की झारखंड के लोग कितने गरीब और पिछड़े वर्ग के क्यों ना हो अगर वह दृढ़ निश्चय करें और सरकार की योजनाओं का सही उपयोग करें तो उनकी जीवन में बदलाव निश्चित है। मेसी पहाड़ीन जेएसएलपीएस के तिलका माझी सखी मंडल से जुड़ कर फूलो झानो आशीर्वाद योजना से मिले सहयोग राशि से हड़िया दारू की छोटी व्यवसाय को छोड़ कर अपनाई बकरी पालन का कार्य।
सखी मंडल की मेसी पहाड़ीन दीदी कहती है कि हम पहले घर में दारू बना कर बेचने के लिए हटिया बाजार जाते थे, तो काफी शर्मिंदगी महसूस होती थीं। हटिया बाजार करके अपने घर वापस आने में रात हो जाती था। जिसके चलते मेरा बच्चा बहुत अकेला हो जाता था और मेरा पति दारू पी कर रोज मताल(नशे में लीन) रहता था। परिवार की स्थिति बहुत ही दुखद रहती थी। लेकिन अभी वर्तमान में अपने आप को देखकर बहुत खुशी होती है कि JSLPS के तहत फूलो झानू आशीर्वाद योजना का लाभ मिला और मुझे दारू, हड़िया बेचने वाला कार्य छोड़कर दूसरा कार्य चुनने का अवसर मिला। मुझे बकरी पालन करने के लिए फूलो झानो आशीर्वाद योजना से 10,000 रूपिया बकरी पालन करने के लिए सहयोग राशि के रूप में मिला तो हम उस पैसा से 4 बकरी खरीदे थे। अभी मेरा पास 7 बकरी, 3 बकरा और 4 मेमना है, कूल 14 बकरियां है। और अभी तक 6 बकरा, बकरी को बेच कर 23 हजार रूपए कमा चुकी हूं। फूलो झानो आशीर्वाद योजना आने से मेरी जीवन में एक नई बदलाव आई हैं। जिसके लिए मैं JSLPS को धन्यवाद करती हुं। लिट्टीपाड़ा से ग्राउंड रिपोर्ट।
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