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मनरेगा योजना सिंचाई कूप निर्माण राहत की जगह बना ग्रामीणों की मुसीबत,ठीकेदार मालामाल।

 मनरेगा योजना सिंचाई कूप निर्माण राहत की जगह बना ग्रामीणों की मुसीबत,ठीकेदार मालामाल।

करियोडीह के ग्रामीणों का बड़ा आरोप, बिना सूचना पट का 1 वर्ष से पड़ा हैं अधुरा।

रिपोर्टर:- प्रेमलाल साहा(SBN)🖋️

पाकुड़: लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड में मनरेगा के तहत प्रतिवर्ष अनेकों कार्य होती है। लेकीन लिट्टीपाड़ा प्रखण्ड के तालझारी पंचायत के करियोडीह में बिना सूचना पट(बोर्ड) का यह गड्ढा खोदा हुआ व अधूरा पड़ा सिंचाई कूप पिछले लगभग 1 वर्ष से ऐसी ही अवस्था में पड़ी हुई है। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार इस सिंचाई को बनवाने वाले करियोडीह के कलुआ मियां हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा की लगभग 1 वर्ष से यह सिंचाई कूप ऐसे ही अधूरी अवस्था में पड़ी हुई है। जिससे ग्रामीणों को आने-जाने में काफी दिक्कत होती है। कार्यस्थल में बिना घेराव के कारण ग्रामीणों के बकरी, बेल आदि पानी से भरा हुआ इस कुआं में गिर कर मर जाते हैं। कुछ ग्रामीणों के अनुसार बिना घेराव का पानी से भरा हुआ इस कुआं के साइड के मिट्टी धंस जानें के कारण कई बार ग्रामीण खुद गिरे हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि या तो इस सिंचाई को पूरा किया जाना चाहिए या फिर इस मिट्टी देकर मूंद देना चाहिए। इसको बीपीओ अभियंता को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है।

                              लखपती देवी।

इस अधुरा खोदा हुआ सिंचाई कूप को नहीं घेरने के 3 माह 

                 पूर्व मेरी एक बकरी गिर कर मर गई।

                               तारेश साहा 

यह सिंचाई कूप 1 वर्ष से ऐसे ही पड़ा हुआ है जिसमें हम खुद गिरते- गिरते बचें हैं। और इसमें कई बार गांव के लोगों का                             बकरी बैल गिर जाता है।

                             विभीषण तुरी

इस सिंचाई कूप को 1 वर्ष से ऐसे ही रखने के कारण हमारे                  बच्चों पर खतरा लगा हुआ रहता है।

                              देवेन साहा

यह सिंचाई कूप जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए, क्योंकि                       ग्रामीणों को काफी दिक्कत होता है।

                             
                                रंजीत कुमार
मेरा एक बछड़ा इस कुआं में गिरने के कारण मर गया, इस सिंचाई कूप को 1 वर्ष से ऐसे ही अधूरा छोड़ा हुआ है ना बन रहा है और ना ही मूंद रहा है? इसको बनाने वाले कलुआ मियां को काफी बार बोला गया लेकिन किसी प्रकार की कोई                                      प्रतिक्रिया नहीं।

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