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वायु सेवा से सेवानिवृत्त एक सैनिक ने जनजाती क्षेत्र में कराया वनभोज।

 वायु सेवा से सेवानिवृत्त एक सैनिक ने जनजाती क्षेत्र में कराया वनभोज।


सिंगारसी के जंगली जनजातीय गांव में हुआ वनभौज।

रिपोर्टर:- धनंजय साहा🖋️

झारखण्ड: एक ऐसा प्रदेश जो पहाड़,जंगल झाड़ियों एवं खनिजों से भरा है। लेकिन यहां की जनजातिय लोगों की स्थिति बेहद ही दुखद है और उसमें भी सबसे ज्यादा पिछड़ा जनजातीय समाज कोई है तो वह आदिम जनजातीय समाज के लोग हैं। जिसे हम पहाड़िया लोग के नाम से जानते हैं। भारत को आजाद हुए 76 वर्ष हो चुके हैं फिर भी भारत देश में एक ऐसा भी वर्ग है जो आज भी श्रापित जिंदगी जी रहा है जिसे हम आदिवासी कहते हैं। भारत देश भले ही चांद में पहुंच गया हो लेकिन भारत देश के आदिवासी जनजातिय लोग रोज रोटी, कपड़ा और शिक्षा के लिए तरस रहे हैं। सरकार ऐसे लोगों के नाम पर खूब राजनीति करती है अब आबूआ का नारा देकर सब आदिवासियों की वोट को वाटर तो लेती है। लेकिन विकास करने के समय वर्तमान सरकार सोचती है कि यह लोग जानवर है। इन्हें ऐसे ही मरना चाहिए। यह तस्वीर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ही विधानसभा क्षेत्र की है जहां की अत्यंत दुखद स्थिति है।

तब ऐसी परिस्थिति में एक वायु सेवा से सेवानिवृत एक सैनिक, समाज सेवी, और वर्तमान में भाजपा नेता  विश्वनाथ भगत आज 29 सालों से ऐसे जनजातियों के बीच में आकर ऐसे ही अनेकों नेक सेवा देते है।

आज का यह वनभौज कार्यक्रम झारखंड के गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के सिंगारसी के जंगली क्षेत्र के एक राखा नामक गांव में वनभोज कार्यक्रम कर सैकड़ो आदिवासियों को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र देकर उनकी सेवा करके का उत्कृष्ट कार्य किए। आज इस कार्यक्रम में सहयोगी बने झारखंड के साहिबगंज जिले के अनंत तिवारी जी WJI के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष एवं भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री इन दोनों के सहयोग से यह कार्यक्रम एक जनजाति गांव में संपन्न किया गया। प्रथम सैकड़ो जनजातीय लागों को एकत्रित कर सभी को भोजन खिलाकर उन लोगों की सेवा किए, उसके बाद सभी लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक एवं प्रेरित किए। अंत में आनेको लोगों को ठंडी के वस्त्र देकर सभी आदिवासी जनजाति लोगों को विदा किया गया।


क्या कहते हैं समाज सेवी,भाजपा नेता विश्वनाथ भगत

वास्तव में झारखंड को बिहार से अलग हुए 23 वर्ष हो चुके हैं,भारत को आजाद हुए 76 वर्ष हो चुके हैं। लेकिन फिर भी झारखंड की स्थिति, झारखंड के आदिवासी जनजातीय लोगों की स्थिति बड़ी दुखद है। झारखंड में इतना खनिज होने के बावजूद भी झारखंड का विकास नहीं हो पा रहा है। कहीं ना कहीं यहां की वर्तमान सरकार निर्लज और निकम्मा हो चुकी है। हम अभी यहां जो कार्यक्रम किए। वह झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ही विधानसभा क्षेत्र हैं। लेकिन फिर भी हेमंत सोरेन अपने ही विधानसभा क्षेत्र को ऐसे ही मरने की स्थिति में छोड़ दिए हैं। हम प्रत्येक महीना ऐसा वन भोज कार्यक्रम करते हैं। आज यह कार्यक्रम झारखंड भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश मंत्री आनंद तिवारी के सहयोग से संपन्न हुआ। और आज 27 वर्षों से हम इस तरह का सेवा करने का प्रयास हम कर रहे हैं जितनी समर्थ्यता होती है। और आगे भी हम ऐसे ही सेवा कार्य करने के लिए तत्पर रहेंगे।

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