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बरहरवा के गढ़ग्राम स्थित राजादिघी पोखर, पूरी तरह रहस्यों से भरा।

बरहरवा के गढ़ग्राम स्थित राजादिघी पोखर, पूरी तरह रहस्यों से भरा।

1500 वर्ष से पुराना राजा यह पोखर सोच से परें।

विश्व के प्राचीन सभ्यता वाली यह देश, भारत जिनका इतिहास बेहद ही अद्भुत एवं  प्राचीन हैं। इस देश में ऐतिहासिक साक्षों का अपार भंडार मौजूद है। फिर भी झारखंड के एक गांव की एक पोखरा की रहस्य की व्याख्या इस लेख की जा रही हैं।
झारखंड के साहिबगंज जिले के बरहरवा के नजदीक गढ़ग्राम में स्थित यह पोखरा जिसका नाम राजादिघी हैं। इसी नाम से यह पोखरा सैकड़ो, हजारों वर्षों से इस क्षेत्र में प्रसिद्ध है। लेकिन ऐतिहासिक शोध(पुरातत्व विभाग) की टीम की दृष्टि इस ऐतिहासिक व प्राचीन पोखरा पर नहीं पड़ी, यह बहुत दुर्भाग्य की बात है।

साधारण सा दिखने वाला यह पोखरा वास्तव में साधारण नहीं है अनेकोंनेक रहस्यों से भरा यह पोखरा जिसका नाम राजादीघी है, इसका अर्थ राजा का पोखर है। और यह हजारों वर्ष से इसी जगह पर मौजूद है ना इस पोखरा में बारिश की पानी आती है और ना ही किसी नाला, नहर की पानी इस पोखरा में जमा होती है। लेकिन फिर भी 12 महीना इस साधारण सा दिखने वाला पोखरा में ऐसे ही पानी रहती है। और हमेशा से कभी इस पोखर में पानी कम नहीं हुई और ना ही पोखरा सुखी हैं। और सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस पोखर की पानी से पूरे बरहरवा शहर और आसपास के गांव के लोग इसी पानी से अपने घर पर खाना पकाते हैं। और सबसे बड़ी बात यह है की इस पोखर में ना गैया घुसती है नाही कोई जानवर घुसती है। इस पोखर का पानी पटवन करने से अपने आप मशीन भी बंद हो जाती है। और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक बार की बात है जब एक ही अम्मा का मोटरी इस कूवे में फेंक दिया था तो तो उसकी मोटरी 3 किलोमीटर दूर बिंदुवासिनी पर्वत नमक एक कुएं में मिली थी। और वह पोखरा भी बहुत पुराना बताया जाता है और जल की गुणवत्ता और स्वाद भी एक जैसी ही है पोखरा के जल में पाए जाने वाले मिनरल व सूक्ष्म जीव सभी सैम कुएं की भी जल में मौजूद हैं और इस पोखर की गहराई आज तक सैकड़ो हजारों वर्ष हो चुकी किसी ने नाप नहीं पाया। यह बहुत कुछ रहस्यों को बाहर निकलती है कि यह कितना प्राचीन हुआ रहस्यमई पोखरा है।
लेखक:- धनंजय साहा✍🏼

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